भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 107
(बालक या विकृत चित्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण)
यदि कोई बालक, विकृत चित्त व्यक्ति, मत्तता की अवस्था में कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, जो कोई ऐसी आत्महत्या को करने के लिए दुष्प्रेरण करेगा, तो वह मृत्यु या आजीवन कारावास या ऐसी अवधि के कारावास से, जो दस वर्ष से अधिक की नहीं होगी, दंडनीय होगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- मृत्यु, या आजीवन कारावास, या 10 वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं